इंतजार में उनके पहले ही बहुत सावन गुजर गए,
आज जब वो मिले भी तो बचाकर दामन निकल गए ,
उनके आँखों में मेरी खातिर कितनी नफरत है आज
देखकर बेरुखी खु -ब -खुद आँशु निकल गए
अफशोस रहेगा तमाम -उम्र उनके रूखेपन पर मुझे
भुलाकर सब कस्मे वादे आज कितने बदल गए
दखल न देना जिंदगी में दीप ,आइन्दा
कहकर फिर दबे - पाँव निकल गए।