यादों का उनकी सहारा तो मिले ,
जिंदगी का कोई किनारा तो मिले I
गुजारी है हयात लाश की मानिंद ,
बनके अब कोई हमारा तो मिले II
भटके दर-बदर अंधेरों में हम ,
गर्दिश में कोई सितारा तो मिले I
चंद सासें भी उनके नाम कर देंगे,
इक बार उनका इशारा तो मिले II .
थमा देंगे खंजर उनके हाथों में ,
जख्म देने वाला दोबारा तो मिलें II