दामन थामा हैं जो उन्होंने "दीप"
शायद उनकी भी जुस्त -जु हैं कोई /
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गिला नही हैं निगाहो से दीप
आदत हैं उन्हें तो नाम रहने की /
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मालूम न था बेवफाई भरी फिदरत में उनकी ,
वरना वफ़ा करके इतना बड़ा गुनहा न करते /
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सो गई सदा के लिए ये आँखे तो क्या ?
छुपा के जमाने से इनमे तेरी तस्वीर लिए जा रहे है /
शायद उनकी भी जुस्त -जु हैं कोई /
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गिला नही हैं निगाहो से दीप
आदत हैं उन्हें तो नाम रहने की /
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मालूम न था बेवफाई भरी फिदरत में उनकी ,
वरना वफ़ा करके इतना बड़ा गुनहा न करते /
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सो गई सदा के लिए ये आँखे तो क्या ?
छुपा के जमाने से इनमे तेरी तस्वीर लिए जा रहे है /