देखता हूँ उसे जब मायूस नजर आता है ,
जाने क्या गम उसे हर पल सताता है ,
खोया रहता है जाने वो किन ख्यालो में ,
खुद से ही अकसर बतलाता नजर आता है,
रकीब है शायद उसकी तलास में पीछे,
इसलिए वो जरा सहमा नजर आता है,
हश्र है जो दिल का उसका वाकिफ हूँ ,
जख्म वो कोई गहरा खाए नजर आता है ,
फिर रहा है गमखार की तलाश में वानिश ,
लगता है वो भी तेरी तहरा ठुकराया नजर आता II