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देखता हूँ उसे जब मायूस नजर आता है .................................

देखता हूँ उसे जब मायूस नजर आता है ,
जाने क्या गम उसे हर पल सताता है ,

   खोया रहता है जाने वो किन ख्यालो में ,
   खुद से ही अकसर बतलाता नजर आता है,

रकीब है शायद उसकी तलास में पीछे,
इसलिए वो जरा सहमा  नजर आता है,

      हश्र  है जो दिल का उसका वाकिफ हूँ ,
      जख्म वो कोई गहरा खाए नजर आता है ,

फिर रहा है गमखार की  तलाश में वानिश ,
लगता है वो  भी तेरी तहरा ठुकराया नजर आता II 


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